स्वच्छता के नाम पर डिंडोरा पीटने वाली नगर पालिका के दावों की सच्चाई, गंदगी भरे ठिकानों ने की शहर की फिजा खराब

लाख प्रयास करने के बाद ही नहीं हुआ सुधार

गुना । शहर में गंदगी का गढ़ माने जाने वाले (हॉट रोड, बौहरा मस्जिद कंपलेक्स, व जाटपुरा) इन तीन ठिकानों ने पूरे शहर की फ़िजा को खराब कर के रख रखा है। शहर की साफ सफाई के नाम पर करोड़ों रुपए किए खर्च, मगर आज भी स्थिति जस की तस बनी हुई है।बेशुमार गंदगी के मारे स्थानीय लोगों व यहाँ से आने जाने वालों लोगों का है बुरा हाल है । शहर में गंदगी का गढ़ माने जाने वाले स्थानों पर डस्टबिन की व्यवस्था नहीं हो पाई है ।मगर प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारियों व कर्मचारियों की मक्कारी की  “दाद”  देना पड़ेगी। जिन से 50 बार शिकायत करने के बाद भी, आज दिनांक तक कोई सुधार देखने को नहीं मिला । खैर आम लोगों की समस्या या परेशानी से इन्हें क्या लेना देना। क्या ऐसे ही बनेगा गुना शहर स्वच्छता में नंबर वन ?
वर्तमान स्थिति में स्वच्छता में नहीं, गंदी में नंबर वन है की कतार में नजर आता है गुना शहर। नगर प्रशासन के लिए यह एक चुनौती है,  अब देखना होगा कि जिम्मेदार इस चुनौती का मुकाबला करने में किस हद तक सफल होंगे।

प्राइवेट स्कूलों की मनमानी वसूली के आगे मूकदर्शक बना शिक्षा विभाग

जिला शिक्षा अधिकारी सिसोदिया बोले लिखित में शिकायत दोगे तो होगी कार्रवाही

गुना । गांव, शहर, प्रदेश सहित दुनिया के शिक्षण संस्थान जहां बच्चों को ज्ञानरूपी शिक्षा देकर संस्कारिक, व जीवन में कुछ कर गुजरने के लायक बनाया जाता है।
जिन्हें हम गुरुजी के नाम से जानते है।

मगर आज के इस बदलते दौर में अब शिक्षा “शिक्षा” नहीं प्राइवेट स्कूल व्यवसायिक संस्थानों का रूप ले चुके है।

अब प्राइवेट स्कूल शिक्षा के नाम से नहीं, बल्कि पढ़ाई के नाम पर किसी भी तरह से बच्चों के पलकों को लूटने बाले संस्थानों के नाम से जाना जाने लगे है।

वहीं प्रशासन मूकदर्शक बना बैठा हुआ है।
और प्रशासन की नाक के नीचे नियम कायदों को ताक पर रखकर पढ़ाई के नाम पर जमकर लूट खसोट का कारोबार जमकर चल रहा है।

बेलगाम होते प्राइवेट स्कूल संचालकों ने नियम धरे ताक पर, जिनकी मनमर्जी के आगे प्रशासन हुआ नतमस्तक

शहर में प्राइवेट स्कूल संचालकों की मनमर्जी इस कदर चरम पर है कि इनके द्वारा सारे नियम कानूनों को ताक पर रखकर प्रशासन की नाक के नीचे नियमों की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।

जहां बच्चों की किताबें, कॉपियां, दो दो – तीन तीन ड्रेस सहित अनाप-शनाप दामों पर हल्के घटिया किस्म के टाई बेल्ट मनमाने दामों पर बिना किसी संशोधन के बच्चों के माथे मड़े जा रहे हैं।
जहां महज 40/- रु. कीमत का आई कार्ड 200/- रु. में दिया जा रहा है।
मध्यम वर्ग के बहुत सारे परिवार ना जाने कैसे अपने बच्चों को पढ़ा रहे हैं।
जोकि बात बात पर इन प्राइवेट स्कूल संचालकों द्वारा वसूली जाने वाली अनाप-शनाप राशि ने उनकी कमर तोड़ कर रख दी है। हर मां बाप का सपना होता है कि वह अपने बच्चों को अच्छी सी अच्छी शिक्षा दे सके। अगर हम अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूल में पढ़ाएंगे तो क्या प्राइवेट स्कूल संचालकों द्वारा उन्हें इसी तरह से लूटा जावेगा ?
नियमों का उल्लंघन करने पर प्रशासन के पास इनके खिलाफ कार्यवाही करने के अधिकार तो हैं मगर जाने क्या मजबूरी है जिसके चलते शिकायत करने के बाद भी प्रशासन के अधिकारी इनके खिलाफ कोई कदम नहीं उठाते।

शिकायत की बात भी नहीं होती कार्यवाही, क्या मिलीभगत से सब काम चल रहा है ?

प्राइवेट स्कूल संचालकों के द्वारा सरेआम नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है।
इनके खिलाफ आवाज उठाने पर जिला प्रशासन के साथ राजधानी में बैठे आला अधिकारीयों द्वारा नियमों को ताक पर रखकर संचालित होने वाले प्राइवेट स्कूल संचालकों पर कोई कार्यवाही नहीं की जाती है।
इसको देखकर इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि अफसरों व नेताओं की मिलीभगत से इनकी तानाशाही चरम पर है।
गुना शहर में संचालित हाई प्रोफाइल नामी स्कूलों में आला अधिकारियों के बच्चे भी पढ़ने जाते हैं शायद यही कारण है कि प्राइवेट स्कूल संचालकों पर शिकायत के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं की जाती है।

यह प्रशासन की मजबूरी है या फिर जान-बूझकर कार्यवाही ना करने की मनसा इसे क्या माना जाए ?

लिखित में शिकायत दोगे तो होगी कार्यवाही :- जिला शिक्षा अधिकारी सिसोदिया

गुना में जिला शिक्षा अधिकारी का दायित्व निभा रहे श्री चंद्रशेखर सिसोदिया से प्राइवेट स्कूल संचालकों की अनियमितताओं को लेकर कई बार शिकायतें की गई, मगर उनके द्वारा शिकायत के संज्ञान में आने के बाद ही स्कूल संचालक के खिलाफ कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
कई बार लिखित में भी शिकायत दर्ज की गई बावजूद इसके कोई कार्यवाही नहीं की गई।
जहां तक जिला शिक्षाअधिकारी शिकायत करने की बात है तो उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता ना ही वह इन शिकायतों पर संज्ञान लेते हुए अपने मनमाफिक अंदाज में संचालित होने वाले इन प्राइवेट स्कूल संचालकों पर कोई कड़ी कार्यवाही करते हैं।
आखिर यह सब क्या हो रहा है किसकी सह से हो रहा है, और यह कब तक चलेगा, क्या इन पर लगाम लगेगी ?
इसको प्रशासन की मजबूरी कहें या कुछ और, जिसके चलते शिकायतों के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं की जाती है।

इनका कहना है :-
स्कूलों में 200/- रुपए में आई कार्ड वितरण किए जाने की शिकायत संज्ञान में आई है, यह गलत है, मैं अभी फोन पर उन्हें फटकार लगाता हूं।
कार्यवाही की बात पूछे जाने पर इनका कहना है कि आप लिखित में शिकायत दे दीजिए मैं कार्यवाही करवा दूंगा। इनकी फाइल बनती है जो कि कलेक्टर साहब को भी बताना पड़ती है।
लिखित में शिकायत करने के बाद भी कार्यवाही ना होने की बात पूछे जाने पर बताया कि मिलने के बाद बात की जाऐगी ।

चंद्रशेखर सिसोदिया
जिला शिक्षा अधिकारी
गुना (म. प्र.)

जानबूझ कर अनदेखी या फिर अधिकारियों का संरक्षण है प्राप्त, पुरानी गल्ला मंडी का मामला :- जहां मंडी प्रशासन द्वारा फल सब्जी विक्रेताओं से बिना रसीद दिए की रही है अवैध वसूली

गुना। मामला पुरानी ग़ल्ला मंडी है, जहां मंडी प्रशासन के कर्मचारियों द्वारा बिना रसीद दिए फल, सब्जी विक्रेताओं के अबैध  वसूली की जाती है। इस संबंध में मंडी सचिव से पूर्व में भी शिकायत की गई थी, तो उनके द्वारा इस व्यवस्था के सुधार के लिए आश्वासन दिया गया था, मगर कई माह बीतने के बाद भी स्थिति जस की तस बनी हुई है।
फल सब्जी विक्रेताओं का कहना है कि  मांगे जाने पर भी रसीद नहीं दी जाती है, और विवाद की स्थिति बनती है, कहीं किसी को रसीद दे देते हैं बाकी सब से बिना रसीद के ही टैक्स के रूप में पैसे की वसूली की जा रही है।
 मंडी प्रशासन के कर्मचारियों द्वारा फल सब्जी विक्रेताओं से टैक्स के रूप में पैसे वसूलने का काम बरसों से बदस्तूर जारी है, इस ओर प्रशासन के किसी अधिकारी या ध्यान नहीं है शिकायत करने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं की जाती है।
ऐसे में इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारियों के संरक्षण में यह सब काला पीला चल रहा है।
स्थानीय फल सब्जी विक्रेताओं का कहना है कि मंडी प्रशासन टैक्स ग्रुप में पैसे की वसूली तो करता है मगर यहाँ कि सफाई व्यवस्था पर किसी का कोई ध्यान नहीं है। कचरा चार चार दिन तक नहीं उठाया जाता है, सारे दिन गंदी बदबू के मारे दम घुटने लगता है ।

मंदिर प्रांगण में लगा रहता है कचरे का ढेर 

यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि पुरानी गल्ला मंडी परिसर में श्री बालाजी का मंदिर है, जहां मंदिर परिसर में सारे दिन कचरे के ढेर लगे रहते हैं, जहां 4-4 दिन तक कोई सफाई करने नही आता है। वायरल मौसम का समय चल रहा है जहां मच्छर पनप रहे है। बारिश का मौसम है  ऐसे में बीमारी फैलने का खतरा बना हुआ है।

आखिर किस के संरक्षण में चल रहा है यह गोरखधंधा, जिला शिक्षा विभाग में प्राइवेट स्कूलों को दी जाने वाली मान्यताओं में भारी गड़बड़ी आई सामने

रिपोर्ट : महेश सोनी

गुना । जिला शिक्षा विभाग की कार्य प्रणाली पूर्व से ही सुर्खियों में रही है। विभाग की अनियमितताओं को लेकर  समय-समय पर समाचार पत्रों में खरीद खबरें भी प्रकाशित की जाती रही है मगर प्रशासन की अधिकारियों के कानों में जूं तक नहीं रेंगती है।
शिक्षा विभाग के जिला शिक्षा अधिकारी चंद्रशेखर सिसोदिया से पूर्व में प्राइवेट स्कूलों को दी जाने वाली मान्यता को लेकर होने वाली अनियमितताओं के विषय में चर्चा की गई थी तो उन्होंने बताया मुझे इस संबंध में ज्यादा जानकारी नहीं है, यह मान्यताओं का काम बाबू सुनील जाटव ही देखते हैं, आप इस विषय में उनसे संपर्क कीजिए।

बाबू सुनील जाटव का फोन मिलता है स्विच ऑफ                            बाबू सुनील जाटव को जब भी फोन लगाया गया है, उनका फोन हमेशा स्विच ऑफ बताता है, जिला शिक्षा अधिकारी सिसोदिया इस संबंध में कोई जानकारी देते नहीं है। अब सवाल यह उठता है कि संबंधित मामले में जानकारी कों देगा ?संयोग वश विगत दिवस बाबू जाटव से मिले और उनसे मोबाइल स्विच ऑफ रखने का कारण पूछा गया तो इसके जवाब में अति व्यस्तता रहने का कारण बताया। शासन द्वारा एक महत्वपूर्ण पद की जिम्मेदारी का निर्वहन करने का जिम्मा इन्हें दिया गया है। बावजूद इसके नियमों को ताक पर रखकर प्राइवेट स्कूल संचालकों को मान्यता देने का काम कर रहे हैं।

शिकायत के बाद भी विभाग द्वारा नहीं की जाती है कोई कार्यवाही 

पूर्व में प्राइवेट स्कूल संचालकों को मान्यता देने मैं होने वाली अनियमितताओं के संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी से जाकर मिले  थे और गुना शहर में नियम विरुद्ध संचालित हो रहे स्कूलों के संबंध में  शिकायत भी की गई थी। इस पर उन्होंने सुनील जाटव जी से संपर्क करने का कहा था। इस संबंध में बाबू जाटव को भी जानकारी संज्ञान में दी गई, मगर आज दिनांक तक उनके द्वारा संबंधित मामले में किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की गई है। इसी के चलते प्राइवेट स्कूल संचालकों मनमर्जी चरम पर है। छात्र छात्राओं की पलकों का जमकर शोषण किया जा रहा है। और प्रशासन चुप्पी साधे बैठा हुआ है।
सूत्रों के हवाले से ऐसी जानकारी भी सामने आई है की प्राइवेट स्कूल संचालकों को मान्यता देने की एवज में मोटी रकम भी वसूली जा रही है। शायद इसी के चलते जिला शिक्षा विभाग के अधिकारी कार्यवाही करने से बचते नजर आ रहे हैं।
“इन्हें किसी आला अधिकारी का संरक्षण प्राप्त है या कुछ और है”
यह समझने वाली बात है क्योंकि जिला मुख्यालय पर शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा इस तरह बेखौफ नियमों को ताक पर रखकर कार्य किया जा रहा है।
यह जानबूझकर अनदेखी की जा रही है या इन्हें किसी आला अधिकारी का संरक्षण प्राप्त है ?
 फिलहाल यह एक जांच का विषय है। अब यह देखना होगा कि जिले के मुखिया इस विषय पर संज्ञान लेते हुए आगे क्या कार्यवाही करते हैं ?

शहर की पुरानी मंडी में अतिक्रमण का बोलबाला अधिकारियों की चुप्पी दे रही है अतिक्रमण को बढ़ावा

गुना । शहर में लंबे समय से अतिक्रमणकारियों पर कार्रवाई नहीं हुई, इस वजह से कब्जा ब़ढ़ता जा रहा है। अतिक्रमण के बाद भी जिम्मेदार चुप्पी साधे हुए है। अतिक्रमण की वजह से जाम के हालात बने रहते है, इस वजह से मंडी में चलना मुश्किल हो रहा है।
तेलघानी स्तिथ स्थानीय पुरानी गल्ला मंड़ी में खूब अतिक्रमण हुए है। कुछ दुकानदारों ने अपनी दुकानों का सामान स़ड़क पर रख लिया है , वहीं स़ड़क के दोनों ओर है सब्जी व अन्य सामान बेचने वाले भी बैठ जाते हैं अब ऐसी हालत में व्यक्ति कहां से और कैसे निकले यह समझना मुश्किल हो रहा है।
मंड़ी प्रशासन के द्वारा मंड़ी में मार्ग पर बैठने वालों से बाजार बैठकी के नाम पर 10 रुपया प्रति दुकानदार से वसूल करती है और मुख्य आम रास्ता पर दुकानदारों द्वारा सामान रखने से उनसे भी बाजार बैठकी वसूल कर रही है। ऐसी हालत में मंड़ी की आय में भी बढोत्तरी हो रही है, लेकिन मंडी प्रशासन के द्वारा कतिपय दुकानदारों को दुकान के अंदर सामान रखने की हिदायत नही दी। जिसके चलते कतिपय दुकानदारों के हौसले बुलन्द बने हुए है।
दुकानदारों के द्वारा अपनी दुकानों के काउंटर दुकान के वाहर बनी गैलरी पर रख लिए गऐ हैं और दुकान का सामान आदि सड़क को घेरे हुए हैं बावजूद इसके मंडी प्रशासन ने देखने के बाद भी अतिक्रमण हटाने की जरूरत महसूस नहीं की । बतौर नतीजे के रूप में मंडी में जाने वाले लोगों को अतिक्रमण की वजह से घंटों जाम में फसे से रहना पड़ता है साथ ही मंडी में आने वाले ट्रैक्टर व अन्य वाहनों की लंबी कतारें लग जाती है । मंडी के चार रास्तों से शहर में चार मुख्य मार्ग जुड़े हुए हैं जिनमें एक मार्ग शास्त्री पुल से होता हुआ मुख्य बाजार को जोड़ता है दूसरा मार्ग हॉट रोड को जोड़ता है तीसरा और चौथा मार्ग तेलगानी चौराहे से एबी रोड को जोड़ता है लेकिन मंडी में जाने वाले लोग अब मंडी में हुए अतिक्रमण से बन रहे जाम को देखते हुए कतराने लगे हैं । इसकी सूचना कई बार मंडी प्रशासन के अधिकारियों को बताई गई है। मगर यहाँ “अंधेर नगरी चौपट राजा” वाली कहावत सार्थक सिद्ध होती नजर आती है। अब देखना यह है कि मंडी प्रशासन की जिम्मेदार अधिकारी व कर्मचारीयों द्वारा आगे क्या कदम उठाए जाते है।

नगर पालिका प्रशासन की लचर कार्यप्रणाली के चलते नगर के कोतवाली गली व वाहर अतिक्रमण से बुरा हाल

सिटी कोतवाली के बाहर फैला अतिक्रमण का दृश्य

गुना ।(शारदा एक्सप्रेस) जहां एक ओर जिला कलेक्टर अतिक्रमण हटाओ मुहिम में जोर शोरों से लगे हुए हैं वही

नगरपालिकाप्रशासन की अनदेखी के चलते नगर का बुरा हाल है। नगर अतिक्रमण की चपेट में है तथा बाजारों में सड़कों के दोनों ओर खड़े करने वाले वाहनों तथा अंतिक्रमण के कारण जाम की समस्या से भी निजात दिलवाने में पालिका प्रशासन आज तक नाकाम रहा है। आमजन उक्त समस्याओं से त्राही-त्राही कर रहा है, परंतु पालिका प्रशासन कुंभकरणी नींद में हैं।
नगर पालिका प्रशासन की लचर कार्यप्रणाली के चलते नगर के कोतवाली गली में भी अतिक्रमण का बुरा हाल है। कोतवाली के वाहर भी लोगों ने 4-5 फुट तक अतिक्रमण किया हुआ है। इतना ही नहीं कोतवाली गली की दुकानों के बाहर अतिक्रमण के बाद लोग अपने वाहन खड़ा कर देते हैं, जिससे रास्ता इतना संकरा हो जाता है कि वहां से वाहन तो क्या पैदल राहगीरों का निकलना भी दुर्भर है। परंतु पालिका प्रशासन लोगों को उक्त समस्या दिलवाने को लेकर गम्भीर नहीं है और मौन साधे हुए हैं ।
अधिकारी आने वाली शिकायतों पर शीघ्र कार्रवाई करने का कोरा आश्वासन देकर अपने कार्य की इतिश्री कर लेते हैं। उन्हें लोगों की परेशानियों से कोई मतलब नहीं हैं। ऐसे में लोगों का भी विश्वास नगर के पालिका प्रशासन से उठता नजर रहा है। लोगों का कहना है कि सफाई, अतिक्रमण जाम की स्थिति से पालिका प्रशासन को बार-बार अवगत करवाने के बाद भी कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई जा रही है।

शहर में नहीं रुक रहे अपराध, पुराने अपराधों का भी नहीं हुआ खुलासा

गुना । (शारदा एक्सप्रेस न्यूज़) शहर में आए दिन एक के बाद एक अपराध घटित हो रहे हैं लेकिन पुलिस कुछ एक अपराधों का खुलासा कर वाह-वाही लूटने लग जाती है बाकी अपराध प्रेडेंसी में चले जाते हैं । फरियादियों को थाने से यह कहकर विदा किया जाता है कि मामला विवेचना में है जांच जारी है । वहीं शहर में घटित हुए कुछ बड़े अपराधों का पुलिस आज तक खुलासा नहीं कर पाई है वहीं अगर बात करें सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों की तो उनमें भी फरियादी पूर्णता संतुष्ट नजर नहीं आता सूत्रों द्वारा बताया गया कि सीएम हेल्पलाइन पर की गई शिकायतों को पुलिस जबरन दबाव बनाकर बंद करा देती है और कार्यवाही का बोलकर मामला ठंडे बस्ते में डाल रही है । वर्तमान स्थिति को देखा जाए तो पुलिस ने अपराधों की जानकारी देने वाली डीएसआर पर न्यायालय के आदेश का हवाला देकर रोक लगा रखी है । हाल ही में पुलिस पर हुए हमले का मामला प्रकाश में आया था जहां म्याना थाना अंतर्गत लहरकोता गांव में एक अपराधी द्वारा पुलिस पार्टी पर हमला कर दिया गया था जिसमें एक एएसआई गंभीर रूप से घायल हो गया था जिसे इलाज के लिए ग्वालियर रेफर करना पड़ा था वही एक आरक्षक को भी चोंटे आई थी । इसी प्रकार कुछ माह पहले विजयपुर थाना अंतर्गत रघु रोकड़ा नामक बदमाश ने पुलिसकर्मी की कॉलर पकड़कर उसे अश्लील गालियां दी थी जिसका सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस विभाग के आला अधिकारियों के मामला संज्ञान में आया तब जाकर कहीं उक्त आरोपी पर पुलिस द्वारा कार्यवाही की गई । वर्ष 2020 में कैंट थाना क्षेत्र अंतर्गत हनुमान टेकरी धाम में हुई चोरी का पुलिस आज तक खुलासा नहीं कर पाई है मामले में सभी अपराधी सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गए थे जिनके वीडियो भी जमकर सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे वहीं इस मामले पर शहर के कुछ जनप्रतिनिधियों तथा समाज सेवकों द्वारा चोरों को पकड़ने पर उचित इनाम की अलग-अलग रूप से घोषणा भी की गई थी इसके बाद भी आज तक मामले मैं पुलिस को किसी प्रकार की कोई सफलता हाथ नहीं लग पाई । कोतवाली थाना क्षेत्र अंतर्गत वेद प्रकाश पंगासा हत्याकांड हुआ था जिसमें दिनदहाड़े अज्ञात आरोपियों द्वारा इस वारदात को अंजाम दिया गया था इसके बाद भी आज दिनांक तक इस मामले पर पुलिस के हाथ खाली हैं । वही फतेहगढ़ थाना क्षेत्र अंतर्गत हमीरपुर पुलिया के नीचे एक अज्ञात युवक का शव तारों से हाथ पैर बंधा हुआ मिला था पुलिस आज तक उस अज्ञात व्यक्ति को ज्ञात नहीं कर पाई नाही कुछ मामले में यह पता लगा पाई के यहां हत्या थी या कोई और वारदात । कैंट थाना क्षेत्र अंतर्गत भगत सिंह कॉलोनी में सुनील शर्मा के यहां हुई चोरी की वारदात में पुलिस आरोपी तक तो पहुंच गई थी लेकिन चोरी का मशरूका बरामद करने में पुलिस नाकाम रही । सूत्र बताते हैं कि शहर में चोरियों का सिलसिला बदस्तूर जारी है चोरों को ना तो सीसीटीवी कैमरों का डर है और ना पुलिस का चोरों के हौसले इतने बुलंद हैं कि बे घर दुकान या किसी गार्डन के सामने खड़े दोपहिया वाहनों को दिनदहाड़े चुरा ले जाते हैं । चोर सीसीटीवी कैमरे में कैद होने के बाद भी आसानी से वारदात को अंजाम देकर रफूचक्कर हो जाते हैं वहीं वाहन चोर गैंग पर भी पुलिस के हाथ खाली ही नजर आते रहे हैं । शहर में घटित हो रहे अपराध चिंता का विषय बने हुए हैं । जिले भर में कई ऐसे फरियादी हैं जो आज भी अपने आवेदन व दर्ज एफआईआर को लेकर कार्यवाही हेतु थानों के चक्कर लगा रहे हैं लेकिन लंबा अरसा गुजर जाने के बाद अब न्याय मिलने की आस टूट चुकी है । जिनमें अधिकांश मामले चोरी के हैं । फरियादियों को थाना प्रभारी व थाने के स्टाफ द्वारा कार्यवाही के लिए दिया गया आश्वासन ही पर्याप्त होता है क्योंकि फरियादी को यह चिंता होती है की उसके साथ हुई घटना पर कार्यवाही होगी या नहीं । गुना जिला पुलिस लाख प्रयासों के बाद भी अपनी कार्यशैली को लेकर जनता और पुलिस के बीच मधुर संबंध बनाने में नाकामयाब साबित नजर आई है । 

फतेहगढ़ रेंज में फिर एक बार वनकर्मी से झूमा झटकी ओर गाली गलौच

गुना । वन मंडल गुना आज प्रदेश में वनभूमि पर हुए अतिक्रमण में प्रथम स्थान प्राप्त कर कर बैठा है वही वन विभाग के आला अधिकारियों के उदासीन रवैये ने अतिक्रमणकारियों को अतिक्रमण करने के लिए और क्लीन चिट दे दी है बमोरी क्षेत्र से अतिक्रमणकारी हजारों हेक्टेयर वनभूमि से जंगलों का नामोनिशान मिटाकर खेतों में तब्दील कर चुके हैं वही राजनैतिक संरक्षण के चलते छोटी मोटी कार्रवाई करने वाले वन रक्षकों की जान पर बन आती है । वन भूमि पर लगातार हो रहे अतिक्रमण पर वन विभाग के आला अधिकारीयों की चुप्पी क्षेत्र से अतिक्रमण और विवादों के रूप में स्पष्ट रूप से देखी जा सकती है ।
ताजा मामला फतेहगढ़ रेंज से एक वनकर्मी के साथ शिकारी समुदाय के कुछ लोगों द्वारा झूमा- झटकी, अश्लील गालियाँ देने व जान से मारने की धमकी का मामला प्रकाश में आया है । सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उक्त घटनाक्रम होने के बाद वनकर्मी अपनी फरियाद लेकर फतेहगढ़ थाने में भी पहुंचा था लेकिन पुलिस द्वारा आवेदन लेकर उसे चलता कर दिया गया ।
आवेदक के द्वारा पुलिस को दिए आवेदन अनुसार फतेहगढ़ रेंज प्रभारी के मौखिक आदेशानुसार बीटगार्ड पूर्वी फतेहगढ़ , शासकीय कार्य करवा रहा था तभी डोवरा रोड पर पहलवान शिकारी , हेमराज शिकारी ने मौके पर आकर मेरे साथ झूमाझटकी की व मा बहन की गंदी गन्दी गालिया दी वही दुबारा बीट में आने पर हाथ पैर काटने व जान से मारने की भी धमकी दी ऐसी स्थिति में वनकर्मी शासकीय कार्य कर पाने में अपने आप को असमर्थ पा रहा है ।
वही इस मामले में वनमण्डलाधिकारी गुना से सम्पर्क करने पर उनका मोबाइल नेटवर्क से बाहर आया ।

फतेहगढ़ रेंज में फिर एक बार वनकर्मी से झूमा झटकी ओर गाली गलौच

गुना । वन मंडल गुना आज प्रदेश में वनभूमि पर हुए अतिक्रमण में प्रथम स्थान प्राप्त कर कर बैठा है वही वन विभाग के आला अधिकारियों के उदासीन रवैये ने अतिक्रमणकारियों को अतिक्रमण करने के लिए और क्लीन चिट दे दी है बमोरी क्षेत्र से अतिक्रमणकारी हजारों हेक्टेयर वनभूमि से जंगलों का नामोनिशान मिटाकर खेतों में तब्दील कर चुके हैं वही राजनैतिक संरक्षण के चलते छोटी मोटी कार्रवाई करने वाले वन रक्षकों की जान पर बन आती है । वन भूमि पर लगातार हो रहे अतिक्रमण पर वन विभाग के आला अधिकारीयों की चुप्पी क्षेत्र से अतिक्रमण और विवादों के रूप में स्पष्ट रूप से देखी जा सकती है ।
ताजा मामला फतेहगढ़ रेंज से एक वनकर्मी के साथ शिकारी समुदाय के कुछ लोगों द्वारा झूमा- झटकी, अश्लील गालियाँ देने व जान से मारने की धमकी का मामला प्रकाश में आया है । सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उक्त घटनाक्रम होने के बाद वनकर्मी
अपनी फरियाद लेकर फतेहगढ़ थाने में भी पहुंचा था लेकिन पुलिस द्वारा आवेदन लेकर उसे चलता कर दिया गया ।
आवेदक के द्वारा पुलिस को दिए आवेदन अनुसार फतेहगढ़ रेंज प्रभारी के मौखिक आदेशानुसार बीटगार्ड पूर्वी फतेहगढ़ , शासकीय कार्य करवा रहा था तभी डोवरा रोड पर पहलवान शिकारी , हेमराज शिकारी ने मौके पर आकर मेरे साथ झूमाझटकी की व मा बहन की गंदी गन्दी गालिया दी वही दुबारा बीट में आने पर हाथ पैर काटने व जान से मारने की भी धमकी दी ऐसी स्थिति में वनकर्मी शासकीय कार्य कर पाने में अपने आप को असमर्थ पा रहा है ।
वही इस मामले में वनमण्डलाधिकारी गुना से सम्पर्क करने पर उनका मोबाइल नेटवर्क से बाहर आया ।

कलेक्टर साहब को फोन लगाकर शिकायत करो हाथ मजबूत होंगे तब ही होगी कार्यवाही

गुना । वन भूमि पर हो रहे अतिक्रमण की शिकायत करने के बाद भी आवेदक की फरियाद वन मंडल अधिकारियों तक नहीं पहुंच पा रही है और जहां तक आवेदक की फरियाद पहुंची वहां अधिकारी अपनी बेबसी का दुखड़ा सुनाते नजर आए । गुना वनमण्डल में लगातार चल रही अवैध कटाई ओर अतिक्रमण रुकने का नाम नही ले रहा है ताजा मामला फतेहगढ़ बमोरी के जंगल से सामने आ रहा है जिसमे फरियादी ओर रेंजर से बातचीत होना बताया जा रहा है वायरल ऑडियो में फरियादी के द्वारा अतिक्रमण की शिकायत करने पर रेंजर के द्वारा अपने हाथ मजबूत न होने से कार्यवाही न होना बताया जा रहा वही बार बार आवेदक से SDM ओर कलेक्टर को शिकायत करने के लिए आग्रह किया जा रहा है वही वायरल ऑडियो के बाद पूरे वन महकमे में हड़कम्प मच गया है कि जब रेंजर के ही हाथ मजबूत नही तो भला एक वनरक्षक बीट में कैसे अतिक्रमण ओर अवैध कटाई को रोक पायेगा हालांकि शारदा एक्सप्रेस वायरल ऑडियो की पुष्टि नही करता है ।


दबाब में पूरा वन महकमा – सूत्रों से प्राप्त जानकारी अनुसार लगातर हो रही अवैध कटाई ओर अतिक्रमण के पीछे वन महकमे के दबाव में कार्य करना सामने आ रहा है अभी हाल ही में वन अमले की अतिक्रमण बेदखली की कार्यवाही में वन अमले पर ही पुलिस में FIR दर्ज कर ली गयी थी वही ऊमरी सबरेंज के दो वनकर्मियों की मारपीट मामले में भी पुलिस FIR करवाने के लिए गुना व बमोरी वन अमले को थाने में एकत्रित होने पड़ा था ।बजह कुछ भी हो लेकिन वायरल ऑडियो से इतना तो स्पष्ट है कि वनों में होने बाले अतिक्रमण ओर अवैध कटाई पर वन अमला तब तक कार्यवाही नही करेगा जब तक फरियादी कलेक्टर से शिकायत नही करेगा क्योंकि वन विभाग के हाथ मजबूत नही रहे है अब देखना होगा कि ऑडियो वायरल होने के बाद इस मामले में वन विभाग आगे कुछ कार्यवाही करता है या हाथ मजबूत होने तक इंतजार होता रहेगा ।