गुना । विशेष तिथियों और अवसरों पर शुभ-अशुभ शक्तियां ब्रह्मांड में सक्रिय हो जाती है. उन्हीं को अनुकूल बनाने के लिए उपाय किए जाते हैं. होली का त्यौहार उनमें से एक है |
शास्त्रों के अनुसार चार सिद्ध रात्रियों में से एक होलिका दहन वाली रात भी होती है और ऐसे में नकारात्मक शक्तियों के प्रभाव से बचने के लिए होलिका दहन को सबसे शुभ माना जाता है .
जन्म कुंडली के ग्रहो के दोषो और वास्तु दोषो के निवारण के लिए होली की रात्रि को अति महत्त्वपूर्ण बताया गया है जिसमें संकल्प लेकर किए जाने वाले ज्योतिषीय उपायों का लाभ अवश्य प्राप्त होता है।
शास्त्रों के अनुसार, इस रात का महत्व भी दीपावली और शिवरात्रि जैसा ही होता है। जिस तरह दीपावली और शिवरात्रि के दिन रातों को दैवी शक्तियां जागृत रहती हैं, उसी प्रकार होलिका दहन की रात को भी ऐसा ही होता है
मान्यताओं के अनुसार, होलिका की सात परिक्रमा करनी चाहिए। इससे रोग और नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव दूर होता है। होलिका प्रदक्षिणा के दौरान 140 डिग्री फारनहाईट तक का ताप शरीर में लगने से मानव के शरीरस्थ समस्त रोगात्मक जीवाणुवों को नष्ट कर देता है।
होली पर बाधाओं को दूर करने के लिए विशेष उपाय, उपाय का प्रभाव
1. आर्थिक परेशानियों को दूर करने के लिए होलिका की राख को लाकर पूरे घर में छिड़क दें। इससे घर से नकारकत्मक शक्तियों का प्रभाव दूर होता है
2. होलिका की राख को एक पोटली बनाकर तिजोरी में रखें इससे संचित धन बढ़ता है। टोने टोटके का भय होने पर इस राख से तिलक भी कर सकते हैं। इससे आत्मबल मिलता है।
3. होलिका की राख शरीर में लगाकर गर्म जल से स्नान कराने से नकारात्मक प्रभाव निर्मूल हो जाता है।
4. होली की भस्म (राख) को मस्तक पर गले में लगाएं इससे स्वास्थ्य सुख बना रहेगा।
5. होलिका की राख अपने घर के आग्नेय कोण (पूर्व दक्षिण) में उस अग्नि को तांबे या मिट्टी के पात्र में रखें और निकट सरसों के तेल का दीपक जला दें। इस उपाय से घर की सारी नकारात्मक ऊर्जा जलकर समाप्त हो जाएगी।
6. आप होली के दिन एक काले रंग का कपड़ा लें और उसमें काली हल्दी को बांध दें। घर का परिवेश सकारात्मक हो जाएगा और सभी परेशानियों से मुक्ति मिल जायेगी।
7 . शीघ्र विवाह के योग के लिए – होली के दिन सुबह एक साबुत पान पर साबुत सुपारी एवं हल्दी की गांठ शिवलिंग पर चढ़ाएं
8. वैवाहिक सुख प्राप्ति के उपाय – होली के दिन घर के बीच में एक चैकोर टुकड़ा साफ कर के उसमें आसन लगा कर कामदेव का पूजन करें। इससे वैवाहिक जीवन सुखमय रहेगा।
9. पढाई में बच्चे का मन लगाने के लिए बच्चे के हाथ से नारियल पान सुपारी का दान होलिका के स्थान पर कराएं
10. होली के दिन चांदी के पात्र में कच्चा दूध डालकर चन्द्रमा को अघ्र्य दें, पति-पत्नी के आपसी संबंधों में मधुरता आयेगी।
11. जिस दिन होलिका का दहन किया जाता है उस दिन आप होलिका दहन में आटा और जौ चढ़ाएं। इस उपाय से घर के क्लेश मिट जाते हैं। श्री राजोरिया के शास्त्रोक्त मतानुसार
ग्रहो के दोष दूर करने के लिए होलिका दहन में विशिष्ट वस्तु की आहुति
प्रत्येक ग्रह के अनुसार अलग-अलग समिधा (लकड़ी / टहनी ) का उपयोग किया जाता है
सूर्य के लिए मदार, मदार की समिधा से रोगों का नाश होता है। समाज में मान-सम्मान और बड़ा पद प्राप्त होता है | –
चंद्र के लिए पलाश, पलाश की समिधा सभी कार्यों में उन्नति, लाभ देने वाली है। मानसिक शांति बढ़ाता है।
मंगल के लिए खेर, जमीन से जुड़े व्यापार में सफलता मिलती है , रक्त से संबंधित रोगो को नाश करता है
बुध के लिए चिड़चिड़ा, नौकरी और बिजनेस के लिए शुभ
गुरु के लिए पीपल, पीपल की समिधा संतान, वंश वृद्धि, के लिए उत्तम है ,सुखमय वैवाहिक जीवन
शुक्र के लिए गूलर, गूलर की स्वर्ण , धनवान , समस्त प्रकार के सुख व समृद्धियों का भोग प्रदान करने वाली
शनि के लिए शमी, शमी की पाप और रोगो का नाश करने वाली
राहु के लिए दूर्वा – दीर्घायु प्रदान करती है , शत्रुओ एवं गलत आदतों से बचने के लिए और केतु के लिए कुशा – कुशा की समिधा सभी मनोरथ , , प्रसिद्धि और उच्च पद के लिए
वास्तु दोषो के निवारण के लिए अति उत्तम होली दहन की राख – चमत्कारी लाभ
तंत्र शास्त्र के अनुसार होलिका की राख से कई तरह की नकारात्मक शक्तियों का असर व्यक्ति के ऊपर से हट जाता है।
होली दहन के दूसरे दिन होली की राख को घर लाकर उसमें थोडी सी राई और खड़ा नमक मिलाकर किसी बर्तन में रख लें. ये बर्तन घर में किसी सुरक्षित जगह रखें. | इस उपाय से नजर दोष और बुरे समय से मुक्ति मिल सकती है. पैसों की तंगी दूर होती है. | इससे गृह कलह और आर्थिक बाधाएं दूर होती हैं।
उपर्युक्त एवं मनोरथ प्राप्ति के लिए आम, पलाश, अशोक, चंदन आदि वृक्ष की समिधाओं का ज्योतिषीय सलाह से कुंडली के अवलोकन द्वारा चयन करके होलिका दहन में आहुति देनी चाहिए |
पूजा-पाठ , जन्म कुंडली के ग्रहो के दोषो और वास्तु दोषो के निवारण के लिए व साधना की दृष्टि से भी होली की रात्रि को अति महत्त्वपूर्ण बताया गया है जिसमें संकल्प लेकर किए जाने वाले उपायों का लाभ अवश्य प्राप्त होता है।