
गुना । कोतवाली पुलिस की सक्रिय कारवाही से एक और बड़े अपराध घटित होने से पहले ही आरोपियों को पुलिस ने अपने चंगुल में ले लिया इसी के फलस्वरूप 2 अप्रैल की रात्रि में शहर के एक प्रतिष्ठित फर्नीचर व्यवसायी का अपहरण करने में बदमाश नकामयाब रहे और अपहरण करने के इस असफल प्रयास के मामले में सभी आरोपियों को गिरफ्तार करने में कोतवाली पुलिस ने कामयाबी हासिल की । फरियादी अमित लांबा द्वारा कोतवाली थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी जिसमें उनके द्वारा बताया गया कि वह 2 अप्रैल की रात जब घूमने के लिए निकले तो रास्ते में बड़े पुल के पास एक कार उनके पास आकर रुकी कार में बैठे व्यक्ति ने एक पता पूछने के लिए उन्हें रोका और उसी समय कार से अन्य लोगों ने उतर कर उनको जबरदस्ती पकड़कर अपहरण करने का प्रयास किया लेकिन वहां मौजूद आम जनता और फरियादी की हिम्मत दिखाने के कारण अपराधियों के मंसूबे नाकामयाब रहे और अपराधी घटनास्थल से भाग निकले । पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार सीएसपी उआकाश अमलकर के मार्गदर्शन एवं कोतवाली टीआई मदन मोहन मालवीय के नेतृत्व में विशेष टीम गठित की गई । पुलिस टीम द्वारा प्रकरण में तत्परता से कार्यवाही करते हुए आरोपियों की पतारसी में तकनीकी संसाधनों का उपयोग करने पर आरोपियों के बिहार के बेगूसराय एवं समस्तीपुर जिले के होना ज्ञात होने पर गुना पुलिस ने आरोपियों के संभावित स्थानों पर बेगूसराय व समस्तीपुर में जगह जगह दबिशें दी इसी बीच तकनीकी संसाधनों से आरोपियों के झांसी से शिवपुरी तरफ जाना ज्ञात होने पर पुलिस टीम आरोपियों का पीछा करते हुए शिवपुरी जिले में दिनारा के पास हाईवे पर घेराबंदी की तो बदमाशों ने अपनी कार से भागने का प्रयास किया गया जिन्हे पुलिस टीम द्वारा घेरकर पकडा एवं कार में सवार लोगों को अभिरक्षा में लेकर उनके नाम पता पूंछे जाने पर जिन्होंने अपने नाम शुभम ओझा पुत्र महेन्द्र ओझा उम्र 29 साल निवासी रसीद कालोनी ,अंकेश ओझा पुत्र विनोद ओझा उम्र 26 साल निवासी रसीद कालोनी ,विवेक कुमार पुत्र विनोद कुमार उम्र 22 साल निवासी रोड दलसिंह सराय जिला समस्तीपुर बिहार, आकाश पुत्र अशोक यादव उम्र 19 साल निवासी पछबाडा जिला बेगूसराय बिहार, एवं दीपक पुत्र मदन कुमार माहतो उम्र 19 साल निवासी रसीदपुर जिला बेगूसराय बिहार के होना बताए एवं जिनसे दिनांक 2 अप्रेल की रात में गुना शहर में अपहरण का प्रयास के मामले में पूंछताछ करने पर जिनके द्वारा उक्त घटना करना स्वीकार किया । जिनकी कार की तलाशी लेने पर कार से एक 32 बोर की देशी पिस्टल मय तीन जिंदा राउण्ड, एक रस्सी, तरल नशीला पदार्थ एवं कार की नंबर प्लेट क्र. MP04CJ3968 मिली । पुलिस द्वारा सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर वर्ना कार तथा उसमें मिली उक्त सभी सामग्री को विधिवत जब्त किया गया । आरोपियों ने पूछताछ पर कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं जिनमें आरोपी शुभम ओझा ने बताया कि वह फर्नीचर व्यवसायी अमित लांबा के शोरूम पर फर्नीचर बनाने का काम कर चुका है एवं उसके द्वारा माह अक्टूबर 2021 में एक हुंडई वरना कार किस्तों पर खरीदी थी जिसके कारण उस पर काफी कर्ज हो गया था । इस कर्ज की भरपाई के लिए उसने अपने बेगूसराय में रहने वाले रिश्तेदार व उसके दोस्तों के साथ आपस में मिलकर क्राइम पेट्रोल की तर्ज पर व्यवसायी के अपहरण की साजिश रची और वह सभी आपस में एक दूसरे से मोबाइल कॉन्फ्रेंस के माध्यम से संपर्क में थे । आरोपियों ने अपहरण से पूर्व 15 दिन तक फर्नीचर व्यवसायी की रैकी भी की थी अपहरण के लिए अन्य आरोपी गणों को बिहार के बेगूसराय व समस्तीपुर से बुलाया था जो ट्रेन से गुना पहुंचे थे और रैकी अनुसार मौका पाकर दिनांक 02 अप्रैल की रात्रि में अमित लांबा को बड़े पुल के पास पकड कर अपहरण करने का प्रयास किया लेकिन अपहरण करने में सफल नही हो सके । अपहरण के इस काम में सफल होने पर वह अमित लांबा के परिजनों से फिरौती के रूप में 1 करोड़ रुपये की मांग करने वाले थे । प्रकरण में मुख्य आरोपी शुभम ओझा का साला विवेक कुमार अभी फरार है जिसके पीछे पुलिस टीम लगी हुई है और जिसे शीघ्र ही गिरफ्तार किया जाएगा । इस कार्यवाही में टीआई कोतवाली मदन मोहन मालवीय, उप निरीक्षक राम शर्मा, उप निरीक्षक रविनंदन शर्मा, उप निरीक्षक अभिषेक तिवारी, सायबर सेल प्रभारी उप निरीक्षक मसीह खान, सीसीटीवी प्रभारी सउनि. भूपेन्द्र सिंह सेंगर, प्रधान आरक्षक अजेन्द्र पाल, आरक्षक संजय जाट, आरक्षक नरेन्द्र रघुवंशी, आरक्षक धीरेन्द्र गुर्जर, आरक्षक जितेन्द्र जाटव, आरक्षक आदित्य कौरव, आरक्षक राजीव रघुवंशी, आरक्षक कुलदीप भदौरिया, आरक्षक नीलेश रघुवंशी, आरक्षक ओम शरण कुशवाह, आरक्षक राजेन्द्र, आरक्षक राजेश, आरक्षक राजू, आरक्षक माखन चौधरी एवं आरक्षक चालक रामवीर रजक की भूमिका रही है ।