गुना । शनिवार को पुलिस कंट्रोल रूम गुना में अपराध अनुसंधान विषय पर एक दिवसीय सेमीनार/प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। पुलिस अधीक्षक तरूण नायक के निर्देशन में इस सेमीनार का शुभारंभ अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक टी. एस. बघेल द्वारा किया गया। इस दौरान उन्होने सेमीनार में शामिल हुये सभी अनुसंधानकर्ता अधिकारियों को पुलिस की कार्य प्रणाली के बारे में विस्तृत रूप से बताया तथा पुलिस को अपने कार्य के साथ-साथ अपने व्यवहार में कैसे बदलाव लाया जाये के बारे में विस्तृत रूप से चर्चा की। सभी अनुसंधान अधिकारी अपना कार्य सुचारू रूप से करें, ऐसा कोई कार्य न करें कि जिससे की पुलिस की छबि पर विपरीत प्रभाव पड़े। प्रत्येक अपराध की विवेचना साक्ष्यों व तथ्यों के आधार पर ही की जावे जिससे की जांच निष्पक्ष तरीके से हो सके। सेमीनार में वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी एफएसएल युनिट आर. सी. अहिरवार ने अपने उद्बोधन में घटनास्थल पर मिलने वाले साक्ष्यों के महत्व व अपराधियों की पहचान कैसे की जावे के बारे में विस्तृत रूप से बताया। घटनास्थल पर मौजूद साक्ष्य किसी भी अपराध की जान होते हैं घटनास्थल से उनका संकलन, परिरक्षण, पैकिंग इत्यादि यदि सही तरीके से किया जावे तो हमें विवेचना में सही दिशा मिलती और हम अपराधी को सजा दिलाने में कामयाब होते हैं। इसी प्रकार जिला अभियोजन अधिकारी आर. के. दुबे ने समस्त अनुसंधान अधिकारियों को विधि नियमों के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी। इस सेमीनार के समापन अवसर पर पुलिस अधीक्षक तरूण नायक ने जिले के समस्त विवेचना अधिकारियों से अपने सारगर्भित उद्बोधन में कहा कि वह पुलिस कार्यवाही पूर्ण लगन व गंभीरतापूर्वक सीखें और अपराध की विवेचना निष्ठा भाव से कर पीड़ित को न्याय व अपराधी को सजा दिलाने में मुख्य भूमिका निभाकर एक अच्छे विवेचक का परिचय दें। इस सेमीनार में जिले के सहायक उपनिरीक्षक व प्रधान आरक्षक सम्मिलित हुये।