भीषण गर्मी में मूक प्राणियों की, की जा रही है निस्वार्थ सेवाप्राणी मात्र की सेवा करना ही मानव का परम धर्म:कैलाश मंथन

गुना। चिंतन मंच, विराट हिन्दू उत्सव समिति, जनसंवेदना के तहत अंचल के शहरी एवं ग्रामीण इलाकों में भीषण गर्मियों के चलते मूक प्राणियों को निस्वार्थ भाव से सेवा की जा रही है। चिंतन मंच के प्रमुख समाजसेवी कैलाश मंथन ने बताया कि पिछले एक दशक से निरंतर शहरी एवं ग्रामीण अंचलों में प्रमुख स्थलों पर गायों एवं मूक प्राणियों के लिए पीने की पानी की टंकियां रखवाई जा रही हैं। वहीं गौवंश के लिए प्रतिदिन हरे चारे की व्यवस्था करवाई जा रही है। पक्षियों के लिए झुलसती गर्मी में छतों, पार्कों एवं सड़क किनारे लगे वृक्षों पर सकोरे रखवाएं गए हैं। हिउस प्रमुख कैलाश मंथन के मुताबिक मूक प्राणियों के लिए की जाने वाली निस्वार्थ सेवा से ही मन को परम शांति प्राप्त होती है। इस सेवा में शहरी क्षेत्र के अनेकों समाजसेवक स्वप्रेरणा से मूक प्राणियों की सेवा में जुट गए हैं। श्री मंथन ने कहा कि भारतीय संस्कृति में मूक प्रणियों, गौरक्षा एवं गौवंश की सेवा परम धर्म माना गया है। भीषण गर्मियों के चलते गौवंश एवं अन्य पशु पक्षियों के लिए चारे का संकट उपस्थित होने पर प्रतिदिन हरे चारे एवं खाद्य सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है। विराट हिन्दू उत्सव समिति,जनसंवेदना के तहत शहरी एवं ग्रामीण अंचलों में सड़कों पर विचरने वाले गौवंश के लिए प्रतिदिन हरा चारा खिलाया जा रहा है। चिंतन मंच के संयोजक कैलाश मंथन के मुताबिक भीषण गर्मियां शुरू होते ही शहर की प्रत्येक बस्ती में सेवाभावी संस्थाएं एवं युवाओं के समूह पैदल एवं बाईकों पर सवार होकर सैकड़ों गायों एवं बछड़ों को हरा घास खिला रहे हैं। हिउस प्रमुख श्री मंथन ने बताया कि शहर की प्रमुख बस्तियों में युवाओं एवं समाजसेवियों ने गौसेवा की जिम्मेदारी लेकर स्वयं के खर्चे पर हरा चारे की व्यवस्था की है। शहर के सदर बाजार, सिसौदिया कॉलोनी, बीजी रोड, दुर्गा कॉलोनी, हाट रोड सहित शहर के आधा दर्जन क्षेत्रों के अनेकों युवकों ने तन, मन, धन से गौवंश को चारा पानी की व्यवस्था संभाल रखी है। एक अनुमान के मुताबिक गुना क्षेत्र में 5 हजार से अधिक गौवंश सड़कों पर लावारिश विचरण कर रहा है। अनेकों गौपालकों ने अपना पशुधन सड़कों पर लावारिश छोड़ दिया है। उधर नपा का अमला कांजी हाउसों के नाम पर गायों को खिलाने वाला चारा खुद हड़प रहा है। ऐसे समय में गौवंश की दुर्दशा को देखकर शहर की आधा दर्जन स्वयंसेवी संस्थाओं एवं युवकों ने हरा चारा खिलाने की व्यवस्था संभाली है
कुत्तों एवं पक्षियों को भी हो रही है दाने-पानी की व्यवस्था
कैलाश मंथन ने बताया कि भीषण गर्मी के दौरान शहरी क्षेत्र में कुत्ते एवं अन्य मूक प्राणियों, पक्षियों के लिए भी खाद्य सामग्री, बिस्कुट, दाना पानी की व्यवस्था प्रतिदिन की जा रही है। श्री मंथन ने बताया कि कुत्तों को टोस्ट, बिस्कुट, रोटियां खिलाई जा रही हैं। वहीं पक्षियों के  लिए ज्वार, बाजरा, चावाल आदि दाना पानी का इंतजाम किया गया है।
मूक प्राणियों की सेवा ही मानव का परम धर्म- कैलाश मंथन
गुना।  चिंतन मंच जनसंवेदना के तहत शहरी एवं ग्रामीण अंचलों में भूख प्यास से पीडि़त गौवंश एवं पक्षियों के लिए चारा, दाना, पानी की व्यवस्था में सहयोग किया जा रहा है। विराट हिन्दु उत्सव समिति प्रमुख कैलाश मंथन के मुताबिक अंचल में सभी प्रमुख स्थलों पर पशुओं को पीने के लिए पानी की टंकियां रखवाई जा रही हैं।
गायों को डाला जा रहा है नियमित चारा
शहर के गौवंश एवं पशुओं को नियमित हरा चारा हिउस, चिंतन मंच के तहत कार्यकर्ता द्वारा खिलाया जा रहा है। शाम होते ही कार्यकर्ताओं का गु्रप गलियों एवं प्रमुख मार्गों पर विचरण करने वाले मूक पशुओं को चारे पानी की व्यवस्था में जुट जाता है। श्री मंथन ने कहा कि प्राणी मात्र की सेवा करना ही सच्चा मानव धर्म है। इसी लक्ष्य को लेकर अंचल में मूक प्राणियों, पशु-पक्षियों, गौवंश के लिए चारा, दाना, पानी सतत उपलब्ध कराने की कोशिश की जा रही है।
छतों की मुंडेरों पर रखवाए गए पक्षियों को पानी पीने के लिए सकोरे
चिंतन मंच एवं विराट हिन्दु उत्सव समिति के प्रमुख कैलाश मंथन के मुताबिक अंचल में छतों की मुंडेरों पर पक्षियों को पानी पीने के लिए मिट्टी के सकोरे रखवाए जा रहे हैं। साथ ही ज्वार, चावल, बाजरा, आदि दाने की व्यवस्था की गई है। पक्षियों के लिए दाना पानी महामिशन की मुहिम घरों में नि:शुल्क सकोरे भेजकर शुरू की गई। अब तक पांच सैकड़ा से अधिक स्थानों पर पक्षियों के लिए पीने के लिए पानी एवं खाद्य सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है। चिंतन मंच के तहत कोरोना काल में नि:शुल्क सकोरे वितरित किए जा रहे हैं। मंच के संयोजक श्री मंथन ने कहा कि  इससे अच्छी सेवा और धर्म कोई नहीं हो सकता है।

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